कुरआन में हिन्दुओं के लिए क्या लिखा है ? दंग रह जाओगे जानकर ! quran me hinduo ke liye kya likha hai

भारत जैसे दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में आपने कई बार ऐसा नैरेटिव मीडिया और कुछ सत्ता-समर्थित चेहरों के माध्यम से सुना-देखा होगा जहाँ इस्लाम और मुसलमानों को संदेह, नफ़रत और आतंकी टैग से जोड़कर पेश किया जाता है। विडंबना यह है कि जिस देश की नींव ही सेकुलरिज़्म और धार्मिक आज़ादी पर रखी गई हो, वहीं कुछ राजनीतिक ताकतें और एजेंसियाँ वर्षों से मुसलमानों को एक विशेष खांचे में बंद करने की कोशिश में लगी हैं। यह मामला सिर्फ़ भारत तक सीमित नहीं है—अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन और कई यूरोपीय मुल्कों में भी इस्लाम को अक्सर महिलाओं के अधिकारों, कट्टरता और हिंसा के नाम पर कठघरे में खड़ा किया जाता है।

जब लगातार वर्षों तक मीडिया, भाषणों और सोशल हाइप द्वारा एक ही छवि परोस दी जाए तो आम नागरिक के मन में सवाल उठना स्वाभाविक है—आख़िर इस्लाम क्या कहता है ? कुरआन में हिन्दुओं के लिए क्या लिखा है (quran me hinduo ke liye kya likha hai) ?

इसके अलावा अभी कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद हुआ था इसके अलावा कुछ लोग बुर्के के कारण भी इस्लाम में महिलाओं के अधिकारों को लेकर सवाल उठाते हैं, जिसके कारण कुछ लोग बिना सोचे ही बोल देते हैं कि महिलाओं के लिए नर्क है इस्लाम, कुरआन में नारी (Quran me nari) की क्या स्थिति है, कुरआन में लिखी गलत बातें, वगैरह – वगैरह।

ऐसे में फिर लोगों के मन में ये भी सवाल आता है कि कुरआन में महिलाओं के लिए क्या लिखा है (quran me mahilao ke liye kya likha hai)

तो दोस्तों अगर आपके मन में भी इसी तरह के सवाल घूम रहे हैं तो लास्ट तक इस लेख पर बने रहिए क्योंकि यहां हम आपको बताने वाले हैं कि कुरआन में गैर-मुस्लिमों के लिए क्या लिखा है या कुरआन में काफिरों के बारे में क्या लिखा, इसके अलावा कुरआन मानवता और महिलाओं के अधिकारों के बारे में क्या कहता है उस पर भी खुलकर चर्चा होगी।

तो आज का ये आर्टिकल काफी नॉलेजवल होने वाला है और हो सकता है कि ये थोड़ा लंबा भी हो — तो अगर आप फ्री नहीं हैं तो इसे बुकमार्क कर सकते हैं ताकि आपको इसे बाद में सर्च करने में दिक्कत ना हो।

तो आइए शुरू करें और जानते हैं कि कुरआन में हिन्दुओं के लिए क्या लिखा है — लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि कुरआन क्या है ?

कुरआन क्या है – What Is Quran In Hindi

कुरआन में हिन्दुओं के लिए क्या लिखा है
कुरआन में हिन्दुओं के लिए क्या लिखा है

कुरआन इस्लाम का सबसे बड़ा धार्मिक ग्रंथ है जिसमें मुसलमानों और पूरी इंसानियत के लिए सच्चाई की राह बताई गई है। कुरआन में बताया गया है कि मुसलमानों को किस तरह जीवन व्यतीत करना चाहिए और गैर-मुसलमानों से कैसा व्यवहार करना चाहिए। तो आइए अब जाने कुरआन में सनातन धर्म के लिए क्या लिखा है।

कुरआन में हिन्दुओं के लिए क्या लिखा है – quran me hinduo ke liye kya likha hai

भारत में रहने वाले अधिकतर नॉन-मुसलमानों के मन में विचार होता है कि कुरआन में सनातन धर्म के लिए क्या लिखा है तो आपको साफ-साफ शब्दों में बता दूँ कि कुरआन में हिंदू या सनातन धर्म जैसे किसी भी शब्द का कोई उल्लेख नहीं है, लेकिन हाँ, कुरआन में काफिर, मूर्ति पूजक और नॉन-विश्वासियों जैसे शब्दों का उल्लेख जरूर देखने को मिलता है और कहीं-कहीं ईसाइयों और यहूदियों का भी ज़िक्र है।

तो हम इस Point Of view से कुरआन को देख सकते हैं क्योंकि अमूमन हिंदू भी मूर्ति पूजा ही करते हैं इस लिहाज़ से हम जान सकते हैं कि कुरआन हिन्दुओं के लिए क्या लिखा है – quran me hinduo ke liye kya likha hai ?

दोस्तों कुरआन में काफी सारी ऐसी आयतें हैं जिनसे कुछ लोग कुरआन की ‘खूनी आयतें’ (Quran ki khuni ayat) कहते हैं क्योंकि उसमें हिंसा का ज़िक्र है — Example के लिए अगर आप कुरआन में सूरह अत-तौबा के श्लोक नंबर 14 को पढ़ेंगे तो उसमें लिखा है :-

“उन से लड़ो (गैर-मुसलमानों से); अल्लाह उन्हें तुम्हारे हाथों से सज़ा देगा और उन्हें अपमानित करेगा और तुम्हें उन पर विजय दिलाएगा और ईमान वाले के दिलों को संतुष्ट करेगा।”

अब जो इसको बिना संदर्भ (Context) के पढ़ेगा उसको लगेगा कि इस्लाम, गैर-मुसलमानों के प्रति हिंसा को प्रचारित कर रहा है, लेकिन वहीं अगर इसे संदर्भ के साथ पढ़ेगे तो आपको पता चलेगा कि कुरआन उन लोगों से लड़ने के लिए कह रहा है जिन लोगों ने संधि की और फिर अपनी बात से पलट गए।

दरअसल पैगंबर मोहम्मद ने मक्का के मुसलमानों से हिजरत के बाद कई बार संधियाँ की थीं उस दौरान मक्का के गैर-मुसलमानों ने संधि तोड़ दी और मुसलमानों पर आक्रमण कर दिया जिसके बाद पैगंबर मोहम्मद और उनके साथियों (मुसलमानों) ने मक्का के गैर-मुसलमानों से जंग लड़ी और जीती भी।

अब जिसको पैगंबर मोहम्मद की जिंदगी और इस्लामी इतिहास की समझ नहीं होगी तो वो कुरआन को बिना संदर्भ के पढ़ेगा और उसको लगेगा कि कुरआन हिंसा को प्रोमोट करता है जबकि कुरआन केवल बचाव में ही युद्ध की अनुमति देता है। इसके लिए आप सूरह अल-बकरह के श्लोक नंबर 190 से 193 को पढ़ सकते हैं जहाँ बार-बार उल्लेख किया गया है कि आप तब तक किसी गैर-मुसलमान पर आक्रमण या युद्ध नहीं कर सकते जब तक उसने आप पर हमला न किया हो — आत्म-रक्षा या Self-defence में ही युद्ध की अनुमति है।

इसके अतिरिक्त आप युद्ध में भी बड़ों और बच्चों पर आक्रमण नहीं कर सकते, वही पूरा निर्दयी दुश्मनी लेकर युद्ध नहीं किया जा सकता।
अगर आप ज्यादा जानना चाहते हैं कि कुरआन गैर-मुसलमानों, युद्ध और शांति को लेकर क्या कहता है तो यहाँ से पढ़ सकते हैं।

तो मैं आशा करता हूं की आपको पता चल गया होगा कि कुरआन में हिन्दुओं के लिए क्या लिखा है – quran me hinduo ke liye kya likha hai ? अगर आगे भी इसी तरह की काम की जानकारी हासिल करते रहना चहाते हैं तो हमारे ब्लॉग से जुडे रहिये ।

read also >>> सपने में पंडित से बात करना | Sapne Mein Pandit Se Baat Karna जाने पुरा मतलब और शुभ तथा अशुभ संकेत

Leave a Comment